शुक्रवार 11/4//2014 चैत्र शुक्ल कामदा एकादशी व्रत:
वराह पुराण अनुसार धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष इन चारो पुरुषार्थ की इच्छा (काम) को देनेवाली है।
आज ही के दिन प्रभु ने श्री लक्ष्मण भट्टजी को वरदान दिया था की अब 100 सोमयाग पूर्ण होने के कारण स्वयं प्रभु उनके पुत्र रूप से प्रकट होंगे। इसीलिए आज से श्री महाप्रभुजी के प्राकट्य उत्सव की बधाई शुरू होती है।हम पुष्टिमार्गीय जीवो के लिए यह सब से बड़ी कामना प्रभु ने पूर्ण की है कि आप स्वयं श्री आचार्यचरण के रूप में प्रकट हुए और इस कलियुग में हम निस्साधन जीवो का उद्धार कर, हमें श्रेष्ठ फल भक्ति का दान किया। पुष्टि जीवो के चारो पुरुषार्थ भक्ति ही है। पुष्टिमार्ग में भगवान का दास होना ही धर्म है, स्वयं हरि ही अर्थ है, सर्व इन्द्रियों से प्रभु के अनुभव की इच्छा ही काम है, सम्पूर्ण रूप से प्रभु श्री कृष्ण का बन जाना ही मोक्ष है। पुष्टि जीव के लिए इस भक्ति की इच्छा / काम को देनेवाली यह एकादशी है कामदा एकादशी….!!
Posted from WordPress for Android

Sunder Vachnamrut Je Je…Dandwat Pranam.
LikeLike