विचार मंथन…!!

कलौ केशव कीर्तनात..!!(भागवत)

(1) सतयुग मे पाप का फल तत्क्षण मिलता है  ।।
(2) त्रेतायुग मे पाप का फल बारहवे दिन में मिलता है ।।
(3) द्वापरयुग मे पाप का फल एक महीने के बाद मिलता है ।।
(4) कलियुग मे पाप का फल एक वर्ष के बाद मिलता है ।।

 इस से विपरीत ” कलियुग ” में धर्म की सिद्धि तत्काल होती है ।।

इसलिए  भगवदीय गाते है की

“” कलियुग सब युग ते अधिकाई “”

श्री मद भागवत के अनुसार कलियुग भगवद भजन कीर्तन सेवा सत्संग के लिए  सर्वोत्तम युग है ।।

– गो.हरिराय(कड़ी-अहमदाबाद-सूरत)

Categories: My Posts | Leave a comment

Post navigation

Leave a comment

Blog at WordPress.com.