उस दिन उस एक ने मुझसे कहा ‘में तेरा हूँ’..!! तब से सब से में कह रहा हूँ ,’में तेरा हूँ ,में तेरा हूँ ,में तेरा हूँ….!!
उस एक से कहना ‘में तेरा हूँ’,भक्ति है..!! सब से कहना ‘में तेरा हूँ’, विकृति है…!!
द्रढ़ता दृढ़भाव दृढ़आश्रय ही सर्वोत्तम भाव है..!!
सामाजिक जीवन में एक डॉक्टर,एक वकील,एक स्कुल आदि एक ही होंता है फिर “आध्यात्म ” में एक क्यों नही ?
एकाश्रय से ही हमारे आध्यात्म जीवन का विकास हो सकता है..!!
💥सदा दिवाली संत की, बारह मास बसंत…!! कृष्ण प्रेम रंग जिन पर चढ़ै, उनको रंग अनंत….!!
गो.हरिराय:
(कड़ी-अहमदाबाद-सूरत-मुंबई)
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