श्री नृसिंह जयन्ती की मंगल बधाई..!!
ग्रीवारूपं श्री नृसिंह स्व भक्ति अतिशयात् यथा ।
प्रकटीकृतवान् कृष्ण तांभक्तिं वितरस्व मे ॥
भगवद् ग्रीवारूप श्रीनृसिंह जी का प्राकट्य हुआ है ।
( जिस प्रकार श्रीराम भगवद् हास्य रूप हैं उसी प्रकार श्रीनृसिंह जी भगवद् ग्रीवा रूप हैं )
जिस प्रकार शिर से मस्तक से अथवा ग्रीवा के ऊपर के भाग मुख से ही प्रत्येक व्यक्ति की पहचान होती है इसलिए भगवद् ग्रीवारूप श्री नृसिंह प्रभु हैं । स्वभक्त प्रह्लाद की अतिशय दृढ़ भक्ति के कारण जिसप्रकार आप नृसिंह स्वरुप से प्रकट हुए उसी प्रकार हे श्रीकृष्ण! मुझे भी अपनी पुष्टि भक्ति प्रदान करो जो अपने भक्त प्रह्लाद को प्रदान की…!!
गो.हरिराय(कड़ी)
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