सत्संग से भावना की शुद्धि होगी । फिर विचार शुद्ध होंगे, वैसे ही कर्म शुद्ध होंगे । चरित्र शुद्ध होगा और फिर जीवन ही शुद्ध हो जाएगा । कलिकाल में शुद्धि
सत्संग से भावना की शुद्धि होगी । फिर विचार शुद्ध होंगे, वैसे ही कर्म शुद्ध होंगे । चरित्र शुद्ध होगा और फिर जीवन ही शुद्ध हो जाएगा । कलिकाल में शुद्धि
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